ब्लैक हॉल एंड वाइट होल in hindi

 ब्लैक हॉल एंड वाइट होल

→💨 for English click here 

Q.1  ब्लैक  होल क्या  है ै? 😉😉😉  

black hole





ब्लैक होल के बारे में दुनिया के सामने सबसे पहले अपने विचार प्रकट करने वाले वैज्ञानिक थे प्रोफेसर जॉन मिशन थे | मिशन कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में एक अध्यापक थे और उन्होंने ब्लैक होल के बारे में अपने विचार सन 1786 में रखे थे
1796 में फ्रांस के एक वैज्ञानिक ने अपनी पुस्तक  सिस्टम ऑफ  वर्ल्ड में ब्लैक होल के बारे में विस्तार से जिक्र किया|  
ब्लैक होल ब्रह्मांड का ऐसा पिण्ड है जिसका गुरुत्वाकर्षण इतना प्रबल होता है कि उसके पार  रोशनी भी नहीं जा सकती और अंतरिक्ष में उसके आसपास या उसके घेरे  में आने वाली हर चीज को  ब्लैक होल  निगल लेता है
सिर्फ इतना ही नहीं ब्लैक होल  के जीतने नजदीक जाते हैं उतना समय का भी प्रभाव कम हो जाता है और ब्लैक होल के गहरे के अंदर तो समय का कोई अस्तित्व ही नहीं है| | 
चलिए जानते हैं की  इतना रोचक पिण्ड  अखिर  ब्रह्मांड में उत्पन्न कैसे होता है?
ब्लैक होल घनत्व और द्रव्यमान वाला पिण्ड  होता है ब्रह्मांड में किसी भी वस्तु को अगर हम compress करके बहुत छोटी करते हैं तो उसके द्रव्यमान और घनत्व से उसका गुरुत्वाकर्षण बल कितना प्रबल हो जाएगा कि उसके बाहर रोशनी का भी जाना संभव नहीं होगा और वह ब्लैक  होल   कहलाएगी | 
यदि हमारी  पृथ्वी का घनत्व बहुत बढ़ जाए और संपूर्ण पृथ्वी को कम प्रेस करके महेश 1.5 सैंटीमीटर कर दिया जाए तो उसका गुरुत्वाकर्षण बढ़ जाएगा और वह ब्लैक होल बन  जाएगीऐसा  सूर्य के साथ भी  होगा |  

लेकिन धयान रहे की  ब्लैक होल में  द्रव्यमान की तुलना में घनत्व बहुत महत्वपूर्ण है हम जानते हैं कि पृथ्वी और सूर्य इस तरह से संकुचित नहीं हो सकते क्योंकि ना तो पृथ्वी का द्रव्यमान पर गुरुत्वाकर्षण बल कितना अधिक है और ना ही सूर्य का लेकिन सूर्य से करोड़ों गुना बड़ा कोई तारा हो जिसका द्रव्यमान और घनत्व अपार  मात्रा में उसमें  मौजूद हो तो वह अपनी की विशेषताओं से ब्लैक होल बन सकता है
अक्सर ब्लैक होल तारों के ही बनते हैं आइए ब्लैक होल के निर्माण को समझने से पहले हम तारों की रचना कैसे होती है यह समझते हैं
दरअसल तारों का जन्म ब्रह्माण की गैलैक्सीस में उपस्थित धूल और gas से बनए बादलों से होता है | 
किसी ब्लैक होल का संपूर्ण द्रव्यमान एक छोटे से बिंदु में केंद्रित रहता है जिसे central singularity पॉइंट भी कहते हैं 
इस बिंदु  के आसपास की गोलाकार सीमा या क्षितिज को इवेंट होराइजन कहा जाता है इस इवेंट होराइजन के बाहर प्रकाश या कोई भी वस्तु नहीं जा सकती और  जहां पर समय का भी अस्तित्व नहीं है


black hole
black hole

सर Albert einstien की  'स्पेशल थिअरी ऑफ  रिलेटिविटी' के अनुसार इस ब्लैक होल की क्षितिज से दूर एक निश्चित सीमा पर खड़े किसी  आदमी  की घड़ी अत्यंत मंद गति में और धीमी  हो जाएगी और वँहा  का समय बहुत ही धीमी गति से चलेगी | 
याद रहे कि समय निरपेक्ष है और समय का भाव ब्रह्मांड की विभिन्न जगहों पर अलग-अलग गति में है मतलब कि पृथ्वी पर जो समय चल रहा है ब्रह्मांड में कहीं दूर उससे तेज सबसे धीमा समय चल रहा होगा इसे time illusion कहते हैं माने या ना माने पर यह भौतिकी की  रोचक हकीकत है

ब्लैक होल की क्षितिज में आकर उसके अंदर गिरने वाली कोई भी वस्तु के अनु बिखर जाएंगे और धीरे-धीरे अदृश्य हो और  जाएंगे |  ब्लैक होल के घनत्व में किसी अज्ञात स्थान पर चली जाएगी जिसके बारे में अब तक भौतिक विज्ञानी कुछ भी नहीं जानते हैं

  types of the black hole


कई प्रकार के ब्लैक होल होते हैं जो अपने विशिष्ट गुणों के कारण पहचाने जाते हैं|  
ऐसा तारा जिसका द्रव्यमान हमारे सूर्य से कुछ गुना अधिक होता है और गुरुत्वीय संकुचन के कारण वह अंततः ब्लैक होल बना है उसे स्टेलर मास ब्लैक होल कहा जाता है
आकाशगंगा यानी गैलेक्सी के केंद्र में होता है और जिसका घनत्व अपार होता है जो बहुत ही विराट होते हैं उसे सुपरमैसिव ब्लैक पर्ल कहा जाता है 
ऐसे ब्लैक होल  का द्रव्यमान हमारे सूर्य से लाखों गुना ज्यादा होता है हमारी गैलेक्सी Milky way के मध्य में एक सुपरमैसिव ब्लैक होल है जिसका द्रव्यमान हमारे सूर्य से 1करोड़  गुना ज्यादा हैकुछ  ऐसे भी ब्लैक होल होते हैं जिनका द्रव्यमान हमारे सूर्य से कम होता है और जिनका निर्माण गुरुत्वीय संकुचन के कारण नहीं परंतु अपने केंद्र के पदार्थ प्रताप के सम्मिलित होने के कारण हुआ है उसे 
primordial or small black 
hole भी कहा जाता है इन लघु ब्लैक होल के बारे में वैज्ञानिकों का मानना है कि उनका  निर्माण की उत्पत्ति के साथ हुआ होगा भौतिक वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग्स के अनुसार अध्ययन की प्रारंभिक अवस्था के बारे में बहुत कुछ जान सकते हैं
कईओं के  मन में यह प्रश्न उठता होगा कि ब्लैक होल प्रकाश को भी सोख लेते हैं जिसके कारण वह ब्रह्माण में अदृश्य  मालूम होते हैं तो आखिरकार वैज्ञानिक ब्लैक होल का पता कैसे लगाते हैं
मिशेल के अनुसार ब्लैक होल्स अदृश्य होने के बावजूद भी अपने आसपास निकटतम स्थित आकाशीय पिंडों पर अपना गुरुत्वीय प्रभाव डालते हैं ऐसे में बीच में तो अंधेरा होता है लेकिन उसके आसपास की चीज है उस अंधेरे की तरफ खींच रही दिखाई देती है कभी-कभी तो ब्रह्मांड में दो तारे या दो ग्रह एक दूसरे की परिक्रमा करते मालूम होते हैं जिसके बीच में एक बहुत बड़ा काला धब्बा होता है इस अवस्था में वहां पर ब्लैक होल  की स्थिति मालूम होती है
कभी-कभी तो ब्लैक होल किसी तरह से तारामंडल या गैलेक्सी के पदार्थों को अपनी ओर खींचकर उसे निगलता हुआ दिखाई देता है इस अवस्था में ब्लैक होल की स्पष्ट रूप से पुष्टि हो जाती है
आइए हम यहां पर ब्लैक होल के कुछ अन्य रोचक तथ्य को भी जान लेते हैं
ब्लैक होल वास्तव में कोई छेद  नहीं होते हैं वह तो किसी मरे हुए तारे के अवशेष मात्र होते हैं करोड़ों अरबों साल गुजरने के बाद किसी तारे का अंत होता है वह ब्लैक होल के रूप में जन्म लेता है यहां पर याद रहे कि सभी तारे ब्लैक होल नहीं बनते कुछ तारो के अंत के बाद उनकी और अवस्था में भी गति होती है 
अपने आस पास आने वाले किसी भी अवकाशी पिण्ड  को नहीं छोड़ता वह ग्रह लघु ग्रह धूमकेतु किसी तारे को यह पूरी की पूरी गैलेक्सी को भी अपनी और खींच कर निगल सकता है यहां पर ध्यान रहे कि ब्लैक होल  अपने घेरे में आने वाली किसी वस्तु को ही खींचेगा उसकी घेरे के बाहर की कोई वस्तु उसमें नहीं जा सकती
ब्लैक होल्स के बारे में तो मिशेल के समय से ही कहा और लिखा जा रहा था | लेकिन वैज्ञानिक प्रत्यक्षीकरण के साथ दुनिया के सामने आने वाला सबसे पहला प्लेटफॉर्म था सिग्नस x1s ब्लैक होल की प्रत्यक्ष पुष्टि सन 1972 में की गई
साउथ यूरोपियन लेबोरेट्री के वैज्ञानिकों ने अब तक खोजा गया सबसे विशाल ब्लैक होल ढूंढ निकाला है
इस ब्लैक होल में अपनी मेज़बान गैलेक्सी adc 1277 का 14 फ़ीसदी द्रव्यमान अपने अंदर ले रखा है



वैज्ञानिकों ने अब तक ब्लैक होल के बारे में बहुत सारी जानकारी प्राप्त की है और उसकी खोज के अनुसंधान में कई सारे प्रयोग हुए हैं और आगे भी होते रहेंगे

धन्यवाद 





REAL IMAGE OF black hole

black hole image

😉😉😉  Click here to buy the book

👉for English click here

MY BLOG↓↡👇


Comments

Post a Comment

for more information comment on