निकोला टेस्ला vs थामस अल्वा एडीसन

Nikola Tesla vs Thomas Alva Edison

निकोला टेस्ला  vs थामस  अल्वा एडीसन 







दोस्तो हम सभी जानते हैं कि बिजली का हमारे जीवन में कितना अहम रोल है. चाहे हम घर में हों स्कूल में या फिर किसी मॉल में हर जगह इलेक्ट्रिसिटी का ही सबसे ज्यादा इस्तेमाल होता है. लेकिन एक बार यह सोचकर  देखिए  कि अगर लाइट नहीं होती तो हमारी जिंदगी कैसी होती|  न कंप्यूटर होता न मोबाइल न हीं बल्ब  और पंखे  दिन की तरह रात में भी काम करने की सुविधा में कभी भी नहीं मिल पाती|  और आज अगर हम अपनी रात को लाइट्स की रोशनी में बिताते हैं तो इसका पूरा श्रेय जाता है निकोला टेस्ला को जिन्होंने अपने अद्भुत ज्ञान के दम पर अल्टरनेटिव करंट का अविष्कार किया.


 तो दोस्तो आज के इस article में भी हम (A.C) यानि की अल्टरनेटिव करंट की तरह ही 300 से भी ज्यादा आविष्कारों का पेटेंट प्राप्त कर चुके महान वैज्ञानिक निकोला टेस्ला के लाइफ स्टोरी को जानेंगे. कि किस तरह से एक फ़ादरी  के लड़के ने अपने आविष्कार से पूरी दुनिया बदल दी.



तो इस कहानी की शुरुवात होती है 10 जुलाई 18 सौ 56 से जब ऑस्ट्रिया साम्राज्य के एक गांव में निकोला टेस्ला का जन्म हुआ. उनके पिता का नाम मार्टिन टेस्ला था जोकि एक पादरी थे साथ ही उनकी मां का नाम डुकाटी टेस्ला थी.

और कहा जाता है कि उनकी मां पढ़ी लिखी तो बिल्कुल भी नहीं थी लेकिन फिर भी उन्हें घर के छोटे मोटे उपकरणों को बनाने में महारत हासिल थी और शायद उन्हीं के शार्प  में मेमोरी पैदा होने के बाद से निकोला टेस्ला को मिली . टेस्ला ने अपनी शुरुवाती पढ़ाई अपने गांव के ही एक स्कूल से की और फिर कुछ साल के बाद 1862  में निकोला टेस्ला अपनी परिवार  के साथ स्वस्तिक नाम के शहर के पास जाकर बस गया. और वहां पर उन्होंने अपनी मिडिल स्कूल की पढ़ाई करनी शुरू की और फिर हायर स्कूल में पहुँचते पहुँचते टेस्ला की रुचि फिजिक्स की तरफ काफी बढ़ गई थी और टेस्ला अपने स्टूडेंट लाइफ में इतने विद्वान थे कि वो इंटीग्रल कैलकुलसन को अपने दिमाग में ही सॉल्व करने की क्षमता रखते थे और यही वजह थी कि उनके टीचर्स को कभी कभी यह भी लगता था कि वह किसी दूसरे की नकल कर रहे हैं.

 और फिर इसी तरह से आगे चलकर 1873 में वह ग्रेजुएट हो गए और उस समय किसी भी स्टूडेंट का ग्रेजुएट होना बहुत ही बड़ी बात मानी जाती थी और इसीलिए जब टेस्ला घर वापस आए तो उनके घर पर ख़ुशी का माहौल छा गया.

हालांकि निकोला टेस्ला के पिता चाहते थे कि वह बाहर न जाकर शहर में ही एक प्रीस्ट के तौर पर काम करे लेकिन टेस्ला का सपना तो सबसे अच्छे इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन लेने का था. हालांकि इसी बीच उन्हें कॉलिन्स नाम की गंभीर बीमारी ने घेर लिया और इस बीमारी के चलते वह लगभग अपनी जान गवां ही चुके थे.

और फिर इसी समय टेस्ला के पिता ने उनसे वादा किया कि टेस्ला स्वस्थ हो जाएंगे तो वह उनका एडमिशन किसी अच्छे इंजीनियरिंग कॉलेज में करवा देंगे. हालांकि इसी बीच आइंस्टीन हंगेरियन आर्मी में अनिवार्य भर्ती शुरू हो गई थी जिससे बचने के लिए टेस्ला घर से भागकर जंगल में चले गए और वहां पर जाकर लंबी बीमारी से जूझ रहे निकोला टेस्ला प्राकृतिक वातावरण की वजह से सही हो गए.

और फिर 1875 में टेस्ला ली. आइंस्टीन पॉलिटेक्निक में एडमिशन ले लिया और वहां पर उन्होंने माइकल फैराडे के प्रिंसिपल  को बहुत ही गहराई से जाना. और दोस्तों उस टाइम टेस्ला अपनी पढ़ाई में कुछ इस तरह से लीन हो गए थे कि सुबह के 3 बजे से लेकर रात के 11 बजे तक वह केवल किताबों में ही खोए रहते थे. और जब यह बात टेस्ला के प्रोफेसर को पता चली तब उन्होंने टेस्ला के पिता के पास चिट्ठी लिख कर इस बात की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि टेस्ला को समझा लिया जाए नहीं तो पढ़ाई की वजह से उनकी जान भी  जा सकती है.

 हालांकि पॉलिटेक्निक के सेकेंड इयर में टेस्ला का रुख गैमलिन की तरफ चला गया और फिर जुआ खेलने की लत की वजह से टेस्ला ने अपने थर्ड ईयर  के एग्जाम के लिए बिल्कुल भी प्रिपरेशन नहीं की और फिर नतीजा यह हुआ कि वह थर्ड इयर के लास्ट सेमेस्टर में पास नहीं हो सके. हालांकि समय गुजरने के साथ ही. 1881 में एक टेलिग्राम कंपनी में काम करने के लिए निकोला टेस्ला बुडापेस्ट नाम की जगह पर चले गए और वहां जाकर उन्होंने सेंट्रल स्टेशन के उपकरणों में बहुत ही सुधार किया. और फिर टेस्ला के टैलेंट से देवदार पुष्कर नाम के एक इन्वेंटर  बहुत ही प्रभावित थे और इसीलिए उन्होंने टेस्ला के जॉब पैरिस के कॉन्टिनेंटल एडिशन कंपनी में लगवा दी जो कि डाइरेक्ट करेंट यानि की डीसी के इन्वेंटर  थॉमस एडिसन की कंपनी था.

और इस कंपनी में टेस्ला का काम शहर में लाइटिंग सिस्टम को इंस्टॉल करना था और उसको यह वो दौर चल रहा था जब थॉमस एडीसन डाइरेक्ट करेंट यानि की डीसी की क्रांति लेकर आए थे.

हालांकि डीसी का करेंट कम दूरी में बिजली की खपत को तो पूरा कर सकता था लेकिन अगर वही बात जो ज्यादा दूर तक बिजली को पहुंचाने की तो एडीसन का डीसी इस काम में फेल था क्योंकि इसका वोल्टेज दूरी बढ़ने के साथ ही साथ कम होता जाता था.

हालांकि इस प्रॉब्लम को सॉल्व करने के लिए निकोला टेस्ला दूसरी तरफ अल्टरनेटिव करंट यानि की ए.सी पर काम कर रही थी और वह ऐसा खोज करना चाहते थे जिससे की दूरी बढ़ने के बाद भी वोल्टेज कम ना हो और वायर के थ्रू एक जगह से दूसरी जगह हाई वोल्टेज को ट्रांसफर किया जा सके और फिर अपनी खोज को पूरा करने के बाद जब अल्टरनेटिव करंट की मोटर को टेस्ला ने एडिसन के सामने प्रस्तुत किया.तब एडीसन समझ गये कि टेस्ला का यह खोज उनके डी सी की खोज पर भारी पड़ जाएगा. और इसीलिए उन्होंने टेस्ला का मजाक बना दिया और एसी को यूजलेस और खतरनाक बता दिया . और फिर टेस्ला अपनी  इन्वेंशन पैर काम न कर पाएं इसीलिए थामस एडिसन ने उन्हें अपनी कंपनी के मशीनों पर काम करने का आदेश दिया और कहा कि अगर वह 24 स्टैण्डर्ड मशीनें तैयार कर लेंगे तब उन्हें 50 हजार डॉलर का बोनस दिया जाएगा. और यह रकम उस जमाने में बहुत ही बड़ी थी .

और फिट निकोला टेस्ला ने सिर्फ 6 महीनों के अंदर ही इन मशीनों को तैयार कर दिया. साथ ही अपने A.C  के कॉन्सेप्ट पर भी काम कर रहे थे. हालांकि जब मशीनों को तैयार करने के बाद से एडीसन के पास अपना बोनस लेने के लिए पहुंचे तब एडिसन ने उन्हें पैसे देने की बात यह कहकर टाल दी कि टेस्ला तुम अमेरिका में होने वाले मजाक को भी नहीं समझते हो. और फ्रिज धोखेबाजी से निराश होकर 4 जनवरी 1885 को  .
निकोला टेस्ला ने कंपनी को छोड़ने का फैसला कर लिया. हालांकि टेस्ला ने आगे चलकर इंडक्शन मोटर की खोज की जोकि अल्टरनेटिव करंट पर ही काम करता था और इस बात की खबर जब अमेरिका के एक बड़े बिजनेस मैन.
जॉर्ज वेस्टिंगहाउस जूनियर को हुई तब वह टेस्ला के साथ मिले और अपनी कंपनी में A.C  करंट के जरूरतों के बारे में उन्हें बताया और फिर जॉर्ज वेस्टिंगहाउस ने टेस्ला को अपनी कंपनी में एक साल के लिए कंसल्टेंट के तौर पर हायर कर दिया. हालांकि टेस्ला को हायर करने के बाद जब थॉमस एडिसन को पता चली तब जॉर्ज वेस्टिंग हाउस से उनकी लड़ाई शुरू हो गई. और फिर इसी करंट को गलत साबित करने के लिए थॉमस एडिसन ने बहुत सारे शर्मिन्दिगी भरे  काम किए. एडिसन ने लोगों के सामने A.C  करंट को खतरनाक साबित करने के लिए जानवरों पर इस करंट का इस्तेमाल किया.
 और लोगों को बताया कि ए.सी का इस्तेमाल करना एक तरह से मौत को बुलावा देना है.
और काफी हद तक उनकी बातों को मानते हुए लोगों ने भी एसी करंट का इस्तेमाल करने से मना कर दिया. हालांकि आगे चलकर जब लोगों को इसके बारे में थोड़ी ज्यादा जानकारियां हुई तब उन्हें इसी पर धीरे धीरे भरोसा होने लगा. और इस तरह से एसी करंट की बिक्री कमर्शियल और रेजिडेंशियल इस्तेमाल के लिए शुरू हो गई. साथ ही एसी करंट के दाम भी डीसी से बहुत ही कम थे. और फ्री टेस्ला के पास खूब पैसे आ जाने के बाद उन्होंने खुद की लेबोरेटरी तैयार की जहां उन्होंने बहुत सारे आविष्कारों को पूरा किया.

 साथ ही कुछ लोगों से तो यह भी सुनने को मिलता है कि वह टाइम ट्रेवल  पर भी काम कर रहे थे . हालांकि अपने लाइफ के अंतिम समय में उनके कुछ रिसर्च असफल हो रहे थे और इसीलिए वह डिप्रेशन में चले गए और फिर आखिरकार दुनिया को रोशन करने वाले निकोला टेस्ला ने 7 जनवरी 1943 को इस दुनिया को अलविदा कहा. दरअसल वह अब मृत्यु के समय 
न्यू यॉर्कर होटल के रूम नंबर 237  में थे जहां उन्होंने अपने दरवाजे पर डू नॉट डिस्टर्ब का बोर्ड लगा रखा था. लेकिन होटल के अंदर ही हार्ट डिसीज की वजह से उनकी मृत्यु हो गई.

 हालांकि दोस्तों भले ही वह इस दुनिया को छोड़कर अब जा चुके हों लेकिन जब तक यह जग रहेगा उनके आविष्कारों के लिए हमेशा ही उन्हें याद किया जाएगा. उम्मीद करते हैं कि निकोला टेस्ला की यह लाइफ स्टोरी आपको जरूर पसंद आई होगी. आपका बहुमूल्य समय देने के लिए धन्यावाद .

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